मंडावा गणेश चतुर्थी मेला 2025 : 27 अगस्त से 2 सितंबर तक 7 दिनों का भव्य आयोजन

मंडावा गणेश चतुर्थी मेला 2025
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मंडावा गणेश चतुर्थी मेला 2025: राजस्थान का शेखावटी क्षेत्र अपनी कला, संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं परंपराओं को जीवंत बनाता है मंडावा गणेश चतुर्थी मेला 2025। यह मेला 27 अगस्त से 2 सितंबर 2025 तक आयोजित होगा और सात दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों का भी अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

मेला की तारीखें और महत्व

  • मेला अवधि: 27 अगस्त 2025 – 2 सितंबर 2025

  • गणेश चतुर्थी पर्व: 27 अगस्त 2025 (बुधवार)

  • मुख्य पूजा मुहूर्त: सुबह 11:09 बजे से दोपहर 1:43 बजे तक

गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मंडावा में इस पर्व के अवसर पर लगने वाला यह सात दिन का मेला लोगों को आस्था, मनोरंजन और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।

मेला के प्रमुख आकर्षण

1. धार्मिक आयोजन

  • गणेश प्रतिमा की स्थापना, आरती और भजन संध्या

  • सात दिनों तक सुबह-शाम पूजा और झांकियों का आयोजन

  • अंतिम दिन गणेश विसर्जन शोभायात्रा

2. बच्चों और बड़ों के लिए मनोरंजन

  • झूले और खेलकूद: मेले में बच्चों और युवाओं के लिए विभिन्न झूले, झूला झूलना, टॉय ट्रेन और मजेदार राइड्स का आयोजन होता है।

  • कबड्डी टूर्नामेंट: स्थानीय युवाओं के बीच कबड्डी प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र होती है। इसमें आसपास के गाँवों की टीमें भी हिस्सा लेती हैं।

  • पारंपरिक खेल: रस्साकशी, दौड़ और अन्य खेल भी आयोजित होते हैं।

3. सांस्कृतिक और कला कार्यक्रम

  • लोक नृत्य और संगीत: घूमर, कालबेलिया, चकरी जैसे नृत्य कार्यक्रमों के साथ ढोल और हारमोनियम पर लोक गीत।

  • आधुनिक कार्यक्रम: स्कूल और कॉलेज के छात्रों द्वारा नृत्य व गायन प्रतियोगिताएँ।

  • भजन संध्या और कवि सम्मेलन: धार्मिक और साहित्यिक रसिकों के लिए विशेष आयोजन।

  • थियेटर कार्यक्रम: स्थानीय कलाकारों द्वारा नाट्य मंचन, जिनमें पौराणिक और सामाजिक विषयों पर नाटक प्रस्तुत किए जाते हैं।

4. बाजार और खरीदारी

  • हस्तशिल्प की दुकानें: शेखावटी की पारंपरिक कलाकृतियाँ, कपड़े, आभूषण और पेंटिंग्स।

  • स्थानीय व्यंजन: दाल बाटी चूरमा, मावा कचौरी, गट्टे की सब्ज़ी, घेवर और राजस्थान की अन्य मिठाइयाँ।

मंडावा का सांस्कृतिक महत्व

मंडावा को शेखावटी का “ओपन आर्ट गैलरी” कहा जाता है। यहाँ की हवेलियाँ अपनी भित्तिचित्रित दीवारों और कला शैली के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। मेले के दौरान पर्यटक न सिर्फ धार्मिक उत्सव का आनंद ले सकते हैं बल्कि Mandawa Fort, शेखावटी हवेलियाँ, और आसपास के पर्यटन स्थलों का भी भ्रमण कर सकते हैं।

यात्रा गाइड

  • कैसे पहुँचे:

    • नजदीकी रेलवे स्टेशन: झुंझुनू (28 किमी)

    • नजदीकी हवाई अड्डा: जयपुर (170 किमी)

    • सड़क मार्ग: जयपुर, सीकर, झुंझुनू से बस और टैक्सी उपलब्ध

  • कहाँ ठहरें:

    • हेरिटेज हवेली होटल

    • बजट होटेल और होमस्टे

    • अग्रिम बुकिंग ज़रूरी है क्योंकि मेले के दौरान भीड़ अधिक रहती है।

  • यात्रा सुझाव:

    • कैमरा साथ रखें, मंडावा की हवेलियाँ और सजावट तस्वीरों के लिए आदर्श हैं।

    • मौसम को देखते हुए हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें।

    • स्थानीय भोजन और हस्तशिल्प का आनंद लेना न भूलें।

मंडावा गणेश चतुर्थी मेला 2025 एक ऐसा अवसर है जहाँ धर्म, संस्कृति, खेल और मनोरंजन सबका अद्भुत संगम देखने को मिलता है। 27 अगस्त से 2 सितंबर तक सात दिनों के इस आयोजन में श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना का सौभाग्य तो मिलेगा ही, साथ ही बच्चों और युवाओं को झूलों, खेल प्रतियोगिताओं, नृत्य-संगीत और नाट्य कार्यक्रमों का भी आनंद उठाने का मौका मिलेगा।

यह मेला राजस्थान की परंपराओं और शेखावटी की संस्कृति को जीवंत करने वाला है। यदि आप राजस्थान की असली रौनक देखना चाहते हैं, तो इस बार मंडावा का यह भव्य आयोजन आपके लिए अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा।

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